दुश्मनों ने शुरू किया है रह पर कांटे बिछाना |
खुदा भी शायद चाहता है बन्दे को अपने आजमाना|
राह पर आते संकटोसे डरनेवाले हम नहीं |
जिंदगीसे मुंह मोड़ कर जानेवाले हम नहीं |
दोस्तों के साथ रहते होती है हर मुश्किल आसान|
साथ चलने पर पायेगा कारवां अपना मुकाम |
ऐसे ही निभाते रहना दोस्ती का फर्ज यारों |
दोस्तों के साथ में सह जायेंगे मुश्किलें हजारों
©परिमल विश्वास गजेंद्रगडकर
२०/०२/२०११
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